अटल बिहारी वाजपेयी जी को लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। एम्स 11 बजे तक मेडिकल बुलेटिन जारी कर सकता है। गुरुवार सुबह से ही लोगों के एम्स आने का सिलसिला शुरू हो गया। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू सुबह 6.30 बजे एम्स पहुंचे। वे कुछ देर वहां रहे। करीब नौ बजे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी एम्स पहुंचे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार शाम को एम्स पहुंचे थे। अटलजी को यूरिन इन्फेक्शन की शिकायत के चलते 11 जून को एम्स में भर्ती किया गया था। वे पिछले 9 साल से बीमार चल रहे हैं। मोदी से पहले केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी उनसे मिलने एम्स पहुंचीं। इसके बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, सुरेश प्रभु, हर्षवर्धन, जितेंद्र सिंह और अश्विनी कुमार चौबे भी एम्स गए।
लाल किले पर भाषण में मोदी ने अटलजी को याद किया
72वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से भाषण के दौरान नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया। उन्होंने कहा- कश्मीर के मुद्दे का हल निकालते वक्त हम अटलजी के नजरिए पर चलेंगे, जो इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत पर आधारित था।
2009 में तबीयत बिगड़ी, वेंटिलेटर पर रखा गया : 2009 में भी वाजपेयी की तबीयत बिगड़ गई थी। उन्हें सांस लेने में दिक्कत के बाद कई दिन वेंटिलेटर पर रखा गया था। हालांकि, बाद में वे ठीक हो गए और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इसके बाद कहा गया कि वाजपेयी लकवे के शिकार हैं। इस वजह से वे किसी से बोलते नहीं थे। बाद में उन्हें स्मृति लोप हो गया। उन्होंने लोगों को पहचानना भी बंद कर दिया।
तीन बार प्रधानमंत्री बने : वाजपेयी सबसे पहले 1996 में 13 दिन के लिए प्रधानमंत्री बने। बहुमत साबित नहीं कर पाने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। दूसरी बार वे 1998 में प्रधानमंत्री बने। सहयोगी पार्टियों के समर्थन वापस लेने की वजह से 13 महीने बाद 1999 में फिर आम चुनाव हुए। 13 अक्टूबर 1999 को वे तीसरी बार प्रधानमंत्री बने। इस बार उन्होंने 2004 तक अपना कार्यकाल पूरा किया। 2014 के दिसंबर में अटलजी को भारत रत्न देने का एेलान किया गया। मार्च 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रोटोकॉल तोड़ा और अटलजी को उनके घर जाकर भारत रत्न से सम्मानित किया।
Update: 17/8/2018 Time 10:41 AM
भारतीय राजनीति के इतिहास का ध्रुव तारा नहीं रहा
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अटलजी के निधन पर शोक जाहिर करते हुए कहा कि आज अटलजी के देहांत के साथ ही भारतीय राजनीति के इतिहास का ध्रुव तारा नहीं रहा। शाह ने आगे कहा कि देश की संसद ने सन 1957 से गरीबों की आवाज को खोया है, भारतीय जनसंघ से स्थापक सदस्य और भाजपा ने अपना पहला राष्ट्रीय अध्यक्ष को खोया हैं और करोड़ों युवाओं ने अपनी प्रेरणा को खोया हैं। अटलजी का व्यक्तित्व बहुआयामी होने के साथ-साथ पहले जनसंघ और बाद में भारतीय जनता पार्टी को बनाना और हम सब कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन देने का कार्य किया है।
अमित शाह ने कहा कि बीजेपी के लिए तो ये अपूर्ण क्षति है जिसकी पूर्ति कभी हो नहीं सकती है। अटलजी ने कई सारे संघर्ष किए है चाहे वह आपातकाल की लड़ाई हो या फिर कश्मीर की आवाज को यूएन में बुलंद करना हो या फिर हिन्दी को प्रमुखता से देश में फैलाव के साथ आगे ले जाना हो। अटलजी ने कभी भी बीजेपी के नेता के तौर पर काम नहीं किया बल्कि देश के नेता के तौर पर काम किया है।
अमित शाह ने कहा कि आज हम बीजेपी के सभी कार्यकर्ता आज संकल्प लेते है जो अटलजी ने कार्य छोड़ा है हम उसे आगे लेकर जाएंगे।