by Dennis Ray | Apr 12, 2019 | खेल, विशेष
चेन्नै सुपर किंग्स और राजस्थान के बीच बेहद रोमांचक मुकाबले में ‘नो बॉल’ को लेकर विवाद हो गया। जिसके बाद आईपीएल के कोड ऑफ कंडक्ट 2.20 के तहत दोषी पाए जाने पर चेन्नै सुपरकिंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगाया गया है।
नो बॉल पर विवाद के बाद धोनी पर लगा जुर्माना……..

मैदान में तमाम विपरित परिस्थितयों के बाद भी शांत रहने वाले कैप्टन कूल के नाम से मशहूर महेंद्र सिंह धोनी गुरुवार को मैच में काफी गुस्से में नजर आए। मैदान में भ्रम की स्थिति बन गई थी कि अंपायर गांधे ने नो बॉल का फैसला दिया है। लेकिन अंपायर ने कहा कि उन्होंने नो बॉल का फैसला नहीं दिया था। इसके बाद धोनी भी अंपायर के पास आए और उनसे कुछ कहते दिखे। धोनी की इस हरकत के लिए उनपर 50 प्रतिशत का जुर्माना लगाया गया है। धोनी को लेवल 2 का दोषी पाया गया है।
उन्होंने इसे स्वीकर भी कर लिया है। चेन्नै सुपर किंग्स को आखिरी तीन गेंदों पर को जीतने के लिए 8 रन चाहिए थे और मिशेल सैंटनर स्ट्राइक पर थे। स्ट्रोक्स ने एक फुल टॉस फेंकी। अंपायर उल्हास गांधे ने उसे नो-बॉल करार दिया लेकिन स्क्वेअर लेग पर खड़े अंपायर ब्रूस ऑक्सनफर्ड ने इस फैसले को पलट दिया।

इसके बाद मैदान के बीच बहस शुरू हो गई। गेंद को सही पाया गया। हालांकि मिशेल सैंटनर के आखिरी बॉल पर लगाए गए छक्के ने चेन्नै सुपर किंग्स को जीत दिला दी।
by Dennis Ray | Feb 28, 2019 | खेल, मनोरंजन
प्रतिबंधित क्रिकेटर एस श्रीसंत ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में दावा किया कि उन पर आजीवन पाबंदी लगाने का भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) का फैसला पूरी तरह से अनुचित है।
श्रीसंत ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने 2013 आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में संलिप्तता कबूल करने के लिए उन्हें हिरासत में निरंतर यातनाएं दीं।
कथित स्पॉट फिक्सिंग से संबंधित एक आपराधिक मामले में गिरफ्तार श्रीसंत को जुलाई 2015 में यहां एक निचली अदालत ने आरोपमुक्त किया था।

पुलिस के दबाव में कबूला गुनाह…….
श्रीसंत का दावा है कि उन्हें कथित अपराध में अपनी संलिप्तता इसलिए कबूल करनी पड़ी क्योंकि पुलिस ने हिरासत में उन्हें यातनाएं दीं और इस मामले में उनके परिवार को फंसाने की धमकी दी थी। पूर्व क्रिकेटर (35) ने उच्चतम न्यायालय में केरल उच्च न्यायालय की खंडपीठ के उस फैसले को चुनौती दी जिसमें बीसीसीआई द्वारा उन पर लगाई गई आजीवन पाबंदी को बहाल किया था। न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति के एम जोसफ की पीठ से श्रीसंत के वकील ने कहा कि मैच फिक्सिंग के कोई स्पष्ट साक्ष्य नहीं हैं और बीते पांच छह वर्षों में श्रीसंत ने इस वजह से बहुत परेशानी झेली है।

श्रीसंत की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने पीठ से कहा, ‘तथ्यों और जिस तरह से ये चीजें हुई हैं उन्हें देखते हुए, इस अदालत को इस बात पर विचार करना चाहिए कि यह (बीसीसीआई द्वारा श्रीसंत पर आजीवन पाबंदी) अनुचित है। उन्होंने बीते पांच छह साल में बहुत परेशानी झेली है। लोग चाहते हैं कि वह क्रिकेट खेलें। वह बीसीसीआई के प्रति अत्यंत ईमानदार हैं।’ खुर्शीद ने कहा कि यह साबित नहीं हुआ कि मई 2013 में मोहाली में राजस्थान रॉयल्स और किंग्स इलेवन पंजाब टीमों के बीच इंडियन प्रीमियर लीग के मैच में कोई स्पॉट फिक्सिंग हुई थी और इसके कोई सबूत नहीं हैं कि क्रिकेटर को इसके लिए कोई धन प्राप्त हुआ।
by Dennis Ray | Sep 19, 2018 | खेल
एशिया कप में पाकिस्तान से होने वाले तूफानी मुकाबले के लिए भारत नयी रणनीति के साथ मैदान में उतरेगा यह भुवनेश्वर कुमार की जगह युवा तेज गेंदबाज को प्लेइंग इलेवन मौका देगा, जानिए जबरदस्त खबर ?
एशिया कप के पांचवे मैच में पाकिस्तान से होने वाले महामुकाबले में भारतीय टीम अपनी प्लेइंग इलेवन में तीन बदलाव के साथ मैदान में उतरेगी, खतरनाक तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार को भी प्लेइंग इलेवन से बाहर किया जायेगा।

भारत ने चली बेहतरीन चाल
हांगकांग के खिलाफ हुए मैच में खतरनाक कहर बरपाने वाले युवा तेज गेंदबाज खलील अहमद को रोहित शर्मा अपनी प्लेइंग इलेवन में शामिल रखना चाहेंगे जबकि बुमराह की वापसी होगी इसलिए भुवि को टीम से बाहर करना पड़ेगा।

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खलील अहमद ने डेब्यू मैच में तीन विकेट चटकाए थे आपको बता देवे की टीम में लोकेश राहुल और तूफानी बल्लेबाज हार्दिक पांड्या की भी जोरदार वापसी होगी।

देखे संभावित एकादश :- शिखर धवन, रोहित शर्मा, लोकेश राहुल, अम्बाती रायुडू, MS धोनी, हार्दिक पांड्या, केदार जाधव, खलील अहमद, जसप्रीत बुमराह, यजुवेंद्र चहल, कुलदीप यादव।
by Dennis Ray | Aug 30, 2018 | खेल
स्वप्ना ने इंडोनेशिया के जकार्ता में जारी 18वें एशियाई खेलों की हेप्टाथलन स्पर्धा में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। वह इस स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी हैं।
स्वप्ना ने सात स्पर्धाओं में कुल 6026 अंकों के साथ पहला स्थान हासिल किया। जैसे ही स्वप्ना की जीत तय हुई यहां घोषपाड़ा में स्वप्ना के घर के बाहर लोगों को जमावड़ा लग गया और चारों तरफ मिठाइयां बांटी जाने लगीं।
अपनी बेटी की सफलता से खुश स्वप्ना की मां बाशोना इतनी भावुक हो गई थीं कि उनके मुंह से शब्द नहीं निकल रहे थे। बेटी के लिए वह पूरे दिन भगवान के घर में अर्जी लगा रही थीं। स्वप्ना की मां ने अपने आप को काली माता के मंदिर में बंद कर लिया था। इस मां ने अपनी बेटी को इतिहास रचते नहीं देखा क्योंकि वह अपनी बेटी की सफलता की दुआ करने में व्यस्त थीं।
बेटी के पदक जीतने के बाद बशोना ने आईएएनएस से कहा, मैंने उसका प्रदर्शन नहीं देखा। मैं दिन के दो बजे से प्रार्थना कर रही थी। यह मंदिर उसने बनाया है। मैं काली मां को बहुत मानती हूं। मुझे जब उसके जीतने की खबर मिली तो मैं अपने आंसू रोक नहीं पाई।
स्वप्ना के पिता पंचन बर्मन रिक्शा चलाते हैं, लेकिन बीते कुछ दिनों से उम्र के साथ लगी बीमारी के कारण बिस्तर पर हैं।
बशोना ने बेहद भावुक आवाज में कहा, यह उसके लिए आसान नहीं था। हम हमेशा उसकी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाते थे, लेकिन उसने कभी भी शिकायत नहीं की।
एक समय ऐसा भी था कि स्वप्ना को अपने लिए सही जूतों के लिए संघर्ष करना पड़ता था क्योंकि उनके दोनों पैरों में छह-छह उंगलियां हैं। पांव की अतिरिक्त चौड़ाई खेलों में उसकी लैंडिंग को मुश्किल बना देती है इसी कारण उनके जूते जल्दी फट जाते हैं।
स्वप्ना के गले में सोने का तमगा

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स्वप्ना के बचपन के कोच सुकांत सिन्हा ने कहा कि उसे अपने खेल संबंधी महंगे उपकरण खरीदने में काफी परेशानी होती है।
बकौल सुकांत, मैं 2006 से 2013 तक उसका कोच रहा हूं। वह काफी गरीब परिवार से आती है और उसके लिए अपनी ट्रेनिंग का खर्च उठाना मुश्किल होता है। जब वह चौथी क्लास में थी तब ही मैंने उसमें प्रतिभा देख ली थी। इसके बाद मैंने उसे ट्रेनिंग देना शुरू किया।
उन्होंने कहा, वह बेहद जिद्दी है और यही बात उसके लिए अच्छी भी है। राइकोट पारा स्पोर्टिग एसोसिएशन क्लब में हमने उसे हर तरह से मदद की। आज मैं बता नहीं सकता कि मैं कितना खुश हूं।
चार साल पहले इंचियोन में आयोजित किए गए एशियाई खेलों में स्वप्ना कुल 5178 अंक हासिल कर चौथे स्थान पर रही थी।
पिछले साल एशियाई एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भी वह स्वर्ण जीत कर लौटी थी।
स्वप्ना ने 100 मीटर में हीट-2 में 981 अंकों के साथ चौथा स्थान हासिल किया था। ऊंची कूद में 1003 अंकों के साथ पहले स्थान पर कब्जा जमाया। गोला फेंक में वह 707 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। 200 मीटर रेस में उसने हीट-2 में 790 अंक लिए।
by Dennis Ray | Aug 23, 2018 | खेल
वैसे भी जर्मनी के कोच और बड़े टूर्नामेंट में भारत को गोल्ड मिलना कोई नहीं बात नहीं है। इससे पहले जर्मनी के ही गैबी बुलमान की कोचिंग में अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक में गोल्ड मेडल पर निशाना साधा था। यह व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत का यह इकलौता ओलंपिक स्वर्ण है ।
अब दस साल बाद जर्मनी की ही पूर्व ओलंपिक पदक विजेता मुंखबायर दोर्सुरेन के मार्गदर्शन में राही सरनोबत ने एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता। दोर्सुरेन मंगोलिया की रहने वाली है लेकिन अब जर्मनी में बस गई। साल 2008 बीजिंग ओलंपिक में उन्होंने कांस्य पदक जीता था। राही ने भी अपनी जीत का पूरा श्रेय दोर्सुरेन को दिया। राही ने कहा कि हमारा रिश्ता यह मां बेटी के रिश्ते जैसा है। उनकी बेटी मेरी उम्र की है । हम एक साल से साथ अभ्यास करते हैं।
एशियन गेम्स 2018 में भारत का गोल्ड मेडल पक्का!
पिछले साल हम दोनों ने साथ में काम किया और उसके बाद मैंने फैसला किया कि वह मेरी पर्सनल कोच होंगी। सच कहूं तो वह बहुत महंगी कोच है और मुझे जो मिलता है उसमें मैं उनको वेतन नहीं दे सकती। ओजीक्यू से मिलने वाली मदद भी कम पड़ती है। फिलहाल मैं ग्लास्गो में जो नगद पुरुस्कार मुझे मिले थे, उससे काम चला रही हूं।
राही ने कहा कि निशानेबाजी मेरी लाइफ है। खाली समय में भी मैं निशानेबाजी ही करती हूं। हां मुझे किताबे पढ़ने का भी शौक है और मैंने खेलगांव में चार किताबें रखी है। फिलहाल मैं कन्नड़ लेखक एस एल भाइरप्पा की किताबों का मराठी अनुवाद पढ रही हूं जो मानवीय रिश्तों के बारे में है।
by Dennis Ray | Aug 16, 2018 | खेल
भारत ने एशियाई खेलों में अब तक कुल 52 पदक हासिक किए हैं। इसमें 9 स्वर्ण, 13 रजत और 30 कांस्य पदक शामिल हैं। 1962 में जकार्ता में हुए एशियाई खेलों में भारतीय रेसलरों को सबसे ज्यादा 3 पदक मिले थे। 1978 में पुरुषों ने भारत की झोली में सबसे ज्यादा 2 स्वर्ण पदक डाले थे।
पदक के सबसे मजबूत दावेदार अनुभवी सुशील कुमार हैं। फ्रीस्टाइल में उनका मुकाबला उजबेकिस्तान के बेदजोद अब्दुरखामानोव से होगा। वो 2014 एशियाई खेलों के स्वर्ण विजेता हैं और 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य पदक के मुकाबले में हार गए थे। भले ही सुशील कुमार दो बार के ओलंपिक पदक विजेता हों लेकिन एशियाई खेल में उनके खाते में सिर्फ एक कांस्य पदक ही है। जो उन्होंने 2006 दोहा एशियाई खेल में जीता था।
एशियाई खेलों के स्वर्ण विजेता
भारतीय महिलाओं ने एशियाई खेलों में कुल चार पदक अपने नाम किए हैं। इसमें एक रजत और तीन कांस्य शामिल हैं। रियो ओलंपिक में साक्षी ने कांस्य और राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता है। ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेल में उन्होंने रजत जीता था। एशियाई चैंपियनशिप में उन्होंने कांस्य पदक जीता था। लेकिन जिस अंदाज और जोश में वह ट्रेनिंग कर रही हैं उससे वह स्वर्ण की प्रबल दावेदार हैं।
अनुभवी पहलवान विनेश फोगाट के खाते में ग्लास्गो और गोल्डकोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक हैं। इसके अलावा उन्होंने किर्गिस्तान में हुई एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने रजत पदक जीतकर अपनी उम्दा फॉर्म दिखाई। विनेश ने पिछले इंचियोन एशियाई खेल में कांस्य जीता था।