by Dennis Ray | Feb 15, 2019 | राजनीति, विशेष
पुलवामा आतंकवादी हमले की जांच में शामिल होने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के विशेषज्ञों और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के जांचकर्ताओं की टीम जम्मू-कश्मीर शुक्रवार को रवाना हो गई। हमले में सीआरपीएफ के कम-से-कम 44 जवान शहीद हो गये।
वर्ष 2016 में उरी हमले के बाद राज्य में हुए सबसे भयावह आतंकवादी हमले में काफी संख्या में जवानों के शहीद होने के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है।

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा ने आतंकवादियों ने गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले पर विस्फोटकों से भरी कार आत्मघाती हमला कर दिया। हमले में सीआरपीएफ की एक बस के परखच्चे उड़ गये और तीन अन्य बस धमाके की चपेट में आ गईं।
बम धमाके के बाद आतंकवादियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर गोलीबारी भी की जिसमें 40 से ज्यादा जवान घायल हो गये। घायल जवानों में कई की हालत अभी नाजुक है।
बृहस्पतिवार को गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अपराध स्थल के फोरेंसिक मूल्यांकन के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस की मदद के लिए एनआईए की एक टीम फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ भेजी जा रही हैं।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि हमले की जांच में ब्लैक कैट कमांडो बल एनएसजी के विस्फोटक विशेषज्ञ भी शामिल होंगे।
जैश-ए-मोहम्मद ने ली है पुलवामा हमले की जिम्मेदारी
पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा हमले के कुछ ही देर बाद एक वीडियो जारी करके इस जघन्य हमले की जिम्मेदारी ली।

जैश-ए-मोहम्मद ने दावा किया कि इस हमले को आदिल अहमद डार नामक फिदायीन आतंकी ने अंजाम दिया। आदिल अहमद डार साल 2018 में ही जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी पुलवामा हमले के लिए जैश-ए-मोहम्मद को जिम्मेदार बताया।
पुलवामा हमले के बाद सीसीएस की बैठक
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की शुक्रवार सुबह बैठक हुई। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने मीडिया को बताया कि भारत सरकार पाकिस्तान को दिया गया मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने का फैसला किया है।

सीसीएस की बैठक के बाद एक वंदे मातरम ट्रेन के कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पुलवामा हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी। पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय सेना को जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी आजादी दे दी गयी है।
by Dennis Ray | Feb 14, 2019 | राजनीति, विशेष
रालेगणसिद्धी में अनशन कर चुके अन्ना हजारे की तबीयत अचानक खराब हो गई है, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। हजारों अन्ना समर्थकों को उनके सेहत की चिंता सता रही है। वहीं अन्ना की तबीयत को लेकर सरकार और जिला प्रशासन भी सचेत है।
अन्ना हजारे अस्पताल में भर्ती,
दरअसल लोकपाल और लोकायुक्तों की नियुक्ति को लेकर अन्ना हजारे बेमियादी अनशन करते रहे हैं। 82 साल के बुजुर्ग गांधीवादी नेता अन्ना हजारे का इससे पहले भी अनशन का इतिहास रहा है। साल 2011 और 2013 में अन्ना ने अपने अनशन के जोर पर केंद्र सरकार तक को हिला कर रख दिया था।

हालांकि इस बार रालेगण सिद्धी में अन्ना के अनशन को उतना कवरेज नहीं मिल सका।जानकार बताते हैं कि रालेगणसिद्धी में इस बार अन्ना ने नेताओं के आने और मंच साझा करने पर बैन लगा दिया था। जिसकी वजह से मीडिया का आकर्षण भी कम हुआ। वहीं अन्ना ने एक बार फिर वही मुद्दे उठाए हैं जो उन्होंने पहले साल 2011 में उठाए थे। ऐसे में बार बार के अनशन से इस बार आम लोगों की दिलचस्पी भी कम हुई। लगातार सात दिन तक भूख हड़ताल पर बैठे अन्ना का अनशन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने समाप्त करवाया था।
लोकपाल एवं लोकायुक्तों की नियुक्ति, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने जैसे मुद्दों पर सरकार को चुनौती देने वाले अन्ना अब अपनी सेहत से जूझ रहे हैं।

आम धारणा है कि अन्ना के हालिया अनशन ने उन्हें जिस्मानी तौर पर काफी नुकसान पहुंचाया है। अगर ऐसा है तो सरकार के लिए बड़ी जिम्मेदारी बनती है कि अन्ना का बेहतर से बेहतर इलाज कराया जाय। ताकि देश के इस प्रभावी गांधीवादी नेता सक्रिय रह सकें। फिलहाल अन्ना हजारे की मेडिकल रिपोर्ट आनी बाकी है।
by Dennis Ray | Dec 19, 2018 | राजनीति, विशेष
क्योकि जब नया आधार लिंक कराने गए लोगो में से महाराष्ट्र में 10 लाख गरीब गायब हो गए!
इसी तरह उत्तराखण्ड में भी कई लाख फ़र्ज़ी BPL कार्ड धारी गरीब ख़त्म हो गए !
3 करोड़ (30000000 ) से जायदा फ़र्ज़ी LPG कनेक्शन धारक ख़त्म हो गए !
यहाँ तक कि मदरसों से वज़ीफ़ा पाने वाले 1,95,000 फर्ज़ी बच्चे गायब हो गए!
1.5 करोड़ (15000000 ) से ऊपर फ़र्ज़ी राशन कार्ड धारी गायब हो गए!
ये सब क्यों और कहाँ गायब होते जा रहे हैं !

चोरी का सारा काला चिटठा खुलने वाला हैं! इसीलिए उन सारे लोगों ने मिलकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी, कि आधार लिंक हमारे मौलिक अधिकारों का हनन है ! चोरों को प्राइवेसी का कैसा अधिकार!
• कंपनी के MD : मोदीजी ने फर्जी 3 लाख से ज्यादा कम्पनियां बन्द कर दी है!• राशऩ डीलर नाराज़ हो गये!• PROPERTY DEALER नाराज़ हो गये!
• Online System बनने से दलाल नाराज़ हो गये है!
• 40,000 फर्जी NGO बन्द हो गये है, इसलिए इन NGO के मालिक भी नाराज़ हो गये !
• NO-2 की INCOME से PROPERTY खरीद ने वाले नाराज़ हो गये!
• E – TENDER होने से कुछ ठेकेदार भी नाराज़ हो गये!
• गैस कंपनी वाले नाराज़ हो गये!
• अब तक जो 12 करोड लोग INCOME TAX के दायरे में आ चुके हैं, वह लोग नाराज़ हो गये!
• GST सिस्टम लागू होने से व्यापारी लोग नाराज़ हो गये, क्योंकि वो लोग AUTOMATIC सिस्टम में आ गये हैं।
• वो 2 नम्बर के काम बाले लोग फलना फूलना बन्द हो गये हैं।
• BLACK को WHITE करने का सिस्टम एक दम से लुंज सा हो गया है।
• आलसी सरकरी लोकसेवक नाराज हो गये, क्योंकि समय पर जाकर काम करना पड़ रहा है।
वो लोग नाराज हो गये, जो समय पर काम नहीं करते थे और रिश्वत देकर काम करने मे विश्वास करते हैं।

दु:ख होना लाज़मी है, देश बदलाव की कहानी लिखी जा रही है, परन्तु निजी स्वार्थ के चलते कई लोग मोदी जी को दिल से तो मानते हैं परंतु दिमाग से उनका विरोध करते हैं। आज से 2,500 साल पहले “चाणक्य” ने बिल्कुल सही कहा था:-
“जब गद्दारों की टोली में हाहाकार हो तो समझ लो देश का ‘राजा चरित्रवान और प्रतिभा संपन्न’ है और ‘राष्ट्र प्रगति पथ’ पर अग्रसर है।”

by Dennis Ray | Dec 12, 2018 | राजनीति, विशेष
राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan elections 2018) में कांग्रेस ने सत्तारूढ बीजेपी को शिकस्त दी है. यहां वह 99 सीटों पर जीत के साथ बहुमत के जादुई आंकड़े के लगभग पास पहुंच गई है और सरकार बनाने की तैयारी में है. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने बताया कि पार्टी विधायक दल की बैठक बुधवार सुबह 11 बजे प्रदेश मुख्यालय में होगी. इसमें विधायकों की राय ली जाएगी और पार्टी आलाकमान को अवगत कराया जाएगा. इसके बाद शाम को पुन: बैठक होगी जिसमें मुख्यमंत्री का नाम तय हो सकता है.
पार्टी के पर्यवेक्षक के सी वेणुगोपाल यहां पहुंच गए हैं. अशोक गहलोत ने विधायक दल की बैठक से पहले कहा है कि पार्टी के सभी नेताओं को आलाकमान का फैसला मानना चाहिए. उन्होंने कहा कि पार्टी मुझे जो भी पद देगी वो मुझे कुबूल होगा. सीएम का नाम दोपहर बाद तक तय हो जाएगा.
राजस्थान विधानसभा चुनाव परिणाम (Rajasthan Assembly elections result 2018) के बाद कांग्रेस ने आज (12 दिसंबर) जयपुर में विधायक दल की बैठक बुलाई है. इस बैठक में विधायक दल नेता सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी. पार्टी का कहना है कि मुख्यमंत्री पद पर अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान करेगा लेकिन इस बारे में बुधवार शाम तक फैसला होने की पूरी संभावना है. राजस्थान में कांग्रेस ने राज्यपाल से शाम 7 बजे मिलने का समय मांगा है. माना जा रहा है कांग्रेस प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कांग्रेेस की जीत पर की थी प्रेस कांफ्रेंस
राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly elections 2018) में बीजेपी को 73 सीटों पर संतोष करना पड़ा है. वहीं अगर अन्य दलों की बात करें तो बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को 6 सीटें मिली हैं. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) को 2 सीटें मिली हैं. वहीं भारतीय ट्राइबल पार्टी को 2, राष्ट्रीय लोक दल को 1 और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को 3 सीटें मिली हैं. इसके अलावा इन चुनावों में 13 निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है.
चुनाव में पार्टी की हार के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मंगलवार रात लगभग सवा आठ बजे राजभवन में राज्यपाल कल्याण सिंह से मिलीं और अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दिया. बाद में जारी एक बयान में वसुंधरा ने कांग्रेस को जीत की बधाई देते हुए कहा, ‘जनादेश सर आंखों पर.’ जहां तक परिणाम की बात है तो कांग्रेस के सचिन पायलट सहित सभी प्रमुख नेता चुनाव जीते हैं हालांकि झालरापाटन पर मानवेंद्र सिंह हार गए. यहां से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे लगातार पांचवीं बार जीतीं. इसी तरह कांग्रेस के वरिष्ठ जाट नेता व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी नोखा सीट पर हार गए.
राज्य की 200 सीटों की विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा 100 का है. फिलहाल 199 सीटों पर चुनाव हुआ है जबकि बसपा प्रत्याशी के निधन के चलते रामगढ सीट पर चुनाव स्थगित कर दिया गया है.