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वक्फ: क्या है इसका मतलब, भारत में इसकी शुरुआत और इतिहास

वक्फ: भारत में इतिहास और महत्व

वक्फ: क्या है इसका मतलब, भारत में इसकी शुरुआत और इतिहास

वक्फ का अर्थ क्या है?

वक्फ क्या है इसका मतलब :  वक्फ एक अरबी शब्द है, जिसका मूल अर्थ है ‘रोकना’ या ‘स्थिर करना’। इस्लामी परंपरा में, वक्फ का मतलब ऐसी संपत्ति या संसाधनों से है, जिन्हें धार्मिक या परोपकारी उद्देश्यों के लिए स्थायी रूप से समर्पित किया जाता है। एक बार वक्फ घोषित होने के बाद, उस संपत्ति का स्वामित्व अल्लाह को सौंप दिया जाता है, और उसे बेचा या स्थानांतरित नहीं किया जा सकता।

भारत में वक्फ की शुरुआत कब हुई?

भारत में वक्फ की अवधारणा 12वीं शताब्दी में आई, जब अफगान आक्रमणकारी मोहम्मद गौरी ने मुल्तान की जामा मस्जिद को दो गांव उपहार में दिए। यह भारत में दर्ज पहला वक्फ दान माना जाता है।

मोहम्मद गौरी और कुतुबुद्दीन ऐबक से जुड़ा वक्फ का इतिहास

मोहम्मद गौरी ने 1192 में तराइन के दूसरे युद्ध में पृथ्वीराज चौहान को हराकर दिल्ली और उत्तर भारत के बड़े हिस्से पर कब्जा किया। उनकी मृत्यु के बाद, उनके गुलाम कुतुबुद्दीन ऐबक ने सत्ता संभाली और गुलाम वंश की स्थापना की। इन मुस्लिम शासकों ने वक्फ प्रणाली को संस्थागत रूप दिया, जिससे मस्जिदों, मदरसों, दरगाहों और अन्य सामुदायिक कल्याण संस्थानों का समर्थन किया गया।

वक्फ संपत्तियों का विस्तार और महत्व

दिल्ली सल्तनत के दौरान, वक्फ की अवधारणा का विस्तार हुआ, और कई संपत्तियां वक्फ के तहत आईं। उदाहरण के लिए:

इन संपत्तियों का प्रबंधन स्थानीय न्यासियों (मुतवल्ली) द्वारा किया जाता था, जबकि दीवान-ए-विजारत जैसे अधिकारी इस्लामी कानून के अनुपालन को सुनिश्चित करते थे।

वक्फ बोर्ड का गठन और कानूनी ढांचा

1954 में, भारत में वक्फ बोर्ड का गठन हुआ, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन और संरक्षण करना था। 1995 में, वक्फ अधिनियम में संशोधन करके वक्फ बोर्ड की शक्तियों में वृद्धि की गई। वर्तमान में, देश में 32 राज्य वक्फ बोर्ड और एक केंद्रीय वक्फ बोर्ड हैं।

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 और विवाद

2024 में, केंद्र सरकार ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार करना है। इस विधेयक में वक्फ बोर्ड की शक्तियों को सीमित करने और संपत्तियों के दुरुपयोग पर रोक लगाने के प्रावधान शामिल हैं। हालांकि, इस विधेयक को लेकर विभिन्न पक्षों में बहस और विवाद भी हुए हैं।

निष्कर्ष

वक्फ की अवधारणा भारत में सदियों से मौजूद है और इसका धार्मिक, सामाजिक और कानूनी महत्व है। वर्तमान समय में, वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उनके कानूनी ढांचे को लेकर चर्चा जारी है, जिससे यह विषय और भी प्रासंगिक हो गया है।

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