श्रीकांत बोला दृष्टिहीनता को मात देकर बने शार्क टैंक इंडिया के नए जज

श्रीकांत बोला का जीवन संघर्ष और सफलता की एक ऐसी कहानी है, जो हम सभी के लिए प्रेरणादायक है।

दृष्टिहीनता के बावजूद, उन्होंने अपने आत्मविश्वास और मेहनत के बल पर न केवल एक सफल उद्यमी के रूप में पहचान बनाई,

श्रीकांत का जन्म 7 जुलाई 1991 को आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम के सीतारामपुरम गाँव में हुआ था।

जन्म से ही दृष्टिहीन होने के कारण, उन्हें समाज में अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा।