Jolly LLB 3 Movie Review : नमस्ते दोस्तों, आपका पसंदीदा ब्लॉग राइटर एक बार फिर आपके सामने हाजिर है आज की सबसे बड़ी और धमाकेदार खबर के साथ! आज सिनेमाघरों में रिलीज हुई है एक ऐसी फिल्म जिसका इंतजार महीनों से हो रहा था—जी हाँ, हम बात कर रहे हैं Jolly LLB 3 की। यह फिल्म सिर्फ एक कोर्टरूम ड्रामा नहीं, बल्कि एक इमोशनल राइड है जो आपको हंसाएगी, रुलाएगी और सोचने पर मजबूर कर देगी। इस फिल्म में दो ‘जॉली’ आमने-सामने हैं: जॉली मिश्रा (अक्षय कुमार) और जॉली त्यागी (अरशद वारसी)। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि क्या यह फिल्म आपके पैसे वसूल है या नहीं।
क्या जॉली-जॉली की जोड़ी सच में है ‘जॉली’ गुड? जानिए पूरा Jolly LLB 3 Movie Review
पिछले कुछ समय से बॉलीवुड में ऐसी फिल्में कम बन रही हैं जो समाज के मुद्दों को गंभीरता से उठाएं, लेकिन ‘जॉली एलएलबी’ फ्रैंचाइजी ने हमेशा यह काम बखूबी किया है। और ‘जॉली एलएलबी 3’ ने भी अपनी विरासत को आगे बढ़ाया है। यह फिल्म सिर्फ दो वकीलों की लड़ाई नहीं है, बल्कि किसान के दर्द, न्याय व्यवस्था में भ्रष्टाचार और आम आदमी की लड़ाई की कहानी है।
किसान का दर्द और न्याय की लड़ाई: कहानी क्या है?
फिल्म की कहानी एक गरीब किसान की पत्नी जानकी देवी (सीमा बिस्वास) से शुरू होती है। जानकी देवी का परिवार, जिसमें उनके पति और बहू शामिल हैं, एक बड़े और शातिर बिल्डर हरिभाई खेतान (गजराज राव) की वजह से आत्महत्या कर लेता है। हरिभाई ने धोखे से किसानों की जमीन हड़प ली है। जानकी देवी न्याय के लिए दर-दर भटकती हैं और आखिरकार उनकी मुलाकात जॉली मिश्रा और जॉली त्यागी से होती है।
शुरुआत में, दोनों जॉली एक दूसरे के खिलाफ होते हैं। अक्षय कुमार का जॉली मिश्रा हरिभाई के वकील होते हैं और अरशद वारसी का जॉली त्यागी जानकी देवी का केस लड़ते हैं। दोनों के बीच कोर्टरूम में तीखी बहस और हास्यास्पद नोक-झोंक देखने को मिलती है। लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, उन्हें अहसास होता है कि यह सिर्फ एक केस नहीं, बल्कि न्याय और अन्याय की सीधी लड़ाई है।
Jolly LLB 3 Movie Review में सबसे खास बात यह है कि यह फिल्म किसानों के मुद्दे को बहुत ही संवेदनशील तरीके से दिखाती है। जिस तरह से फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक गरीब किसान को उसकी जमीन से बेदखल किया जाता है, वह दिल को छू लेता है। यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक आईना है जो हमारे समाज की कड़वी सच्चाई को दिखाता है।
दमदार परफॉरमेंस: कौन है असली सुपरस्टार?
यह कहना गलत नहीं होगा कि इस फिल्म के असली सुपरस्टार इसके कलाकार हैं।
- अक्षय कुमार (जॉली मिश्रा): अक्षय ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कॉमेडी के साथ-साथ वो इमोशनल रोल्स में भी जान फूंक सकते हैं। उनका किरदार जहां एक तरफ मजाकिया है, वहीं दूसरी तरफ वह न्याय के लिए लड़ने वाला एक गंभीर वकील भी है। उनकी कॉमिक टाइमिंग और आखिरी में दिया गया इमोशनल स्पीच, दर्शकों के दिल को छू लेता है।
- अरशद वारसी (जॉली त्यागी): अरशद वारसी इस फ्रैंचाइजी के असली “जॉली” हैं। उनका किरदार शुरू से ही दर्शकों का पसंदीदा रहा है। इस फिल्म में भी उन्होंने अपने मजाकिया अंदाज और सहज एक्टिंग से सबको खूब हंसाया है। उनका और अक्षय का साथ आना इस फिल्म की सबसे बड़ी USP है।
- सौरभ शुक्ला (जज): अगर कोई इस फिल्म में इन दोनों दिग्गजों को मात देता है, तो वो हैं सौरभ शुक्ला। जज सुंदर लाल त्रिपाठी के रूप में उनका किरदार फिल्म की जान है। उनके वन-लाइनर्स, हाव-भाव और दोनों जॉली के बीच संतुलन बनाने की कोशिश देखकर आप हंसे बिना नहीं रह पाएंगे। इस बार उनका किरदार थोड़ा बदला हुआ है—वो हेल्थ कॉन्शियस हो गए हैं और ग्रीन टी पीते हैं। उनकी परफॉरमेंस को देखने के बाद आप कहेंगे, ‘वाह, क्या एक्टिंग है!’
- सीमा बिस्वास (जानकी देवी): सीमा बिस्वास का किरदार भले ही छोटा हो, लेकिन वह अपनी दमदार एक्टिंग से गहरी छाप छोड़ती हैं। उनकी आंखों में किसान का दर्द और न्याय की उम्मीद साफ दिखती है।
- गजराज राव (हरिभाई खेतान): गजराज राव ने एक शातिर बिजनेसमैन का रोल बखूबी निभाया है। उनका किरदार अहंकारी है, लेकिन साथ ही dignified भी।
जॉली-गुड फैक्टर: क्या हंसाने में कामयाब हुई फिल्म?
Jolly LLB 3 Movie Review में हम आपको बता दें कि यह फिल्म सिर्फ इमोशनल नहीं, बल्कि हंसाने में भी पूरी तरह सफल है। दोनों जॉली के बीच की केमिस्ट्री, उनके मजेदार डायलॉग्स और कोर्टरूम में हुई नोक-झोंक आपको सीट पर बैठे-बैठे हंसने पर मजबूर कर देगी।
- डायलॉग्स: फिल्म के डायलॉग्स बहुत ही तीखे और मजेदार हैं। कुछ डायलॉग्स तो ऐसे हैं जो जुबान पर चढ़ जाएंगे।
- कॉमेडी और ड्रामा का संतुलन: फिल्म में कॉमेडी और इमोशनल सीन्स के बीच बेहतरीन संतुलन बनाया गया है।
- संगीत: फिल्म के गाने कहानी को आगे बढ़ाते हैं और सुनने में भी अच्छे लगते हैं।
फिल्म का सबसे बड़ा संदेश
फिल्म का सबसे बड़ा संदेश है कि न्याय व्यवस्था सिर्फ किताबों में नहीं, बल्कि असली जिंदगी में भी होनी चाहिए। यह फिल्म दिखाती है कि कैसे आम आदमी को न्याय पाने के लिए सालों तक संघर्ष करना पड़ता है। फिल्म में एक डायलॉग है जो दिल को छू लेता है: “रेगिस्तान की माटी है साहब, यहां सिक्का उछालने से आवाज सुनाई नहीं देती, रेत में ढल जावे है।” यह डायलॉग किसान की बेबसी को बहुत ही खूबसूरती से बयां करता है।
फिल्म यह भी सुझाव देती है कि स्कूलों में खेती और कृषि को एक अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाना चाहिए ताकि लोग किसानों के संघर्ष को समझ सकें। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण संदेश है जो फिल्म को और भी गहरा बनाता है।
अंत में फैसला: देखें या न देखें?
अगर आप एक ऐसी फिल्म देखना चाहते हैं जो आपको हंसाए, रुलाए और सोचने पर मजबूर करे, तो Jolly LLB 3 आपके लिए ही बनी है। अक्षय कुमार और अरशद वारसी की जोड़ी, सौरभ शुक्ला की धमाकेदार वापसी और किसानों के मुद्दे पर बनी यह कहानी इसे एक मस्ट-वॉच फिल्म बनाती है। इसमें कुछ छोटी-मोटी कमियां हो सकती हैं, जैसे कि फर्स्ट हाफ में कोर्टरूम ड्रामा थोड़ा कम है, लेकिन फिल्म का दूसरा हाफ इसकी भरपाई कर देता है।
कुल मिलाकर, Jolly LLB 3 Movie Review कहता है कि यह फिल्म एक जीत है। यह सिर्फ एक एंटरटेनर नहीं, बल्कि एक ऐसी फिल्म है जो एक मजबूत संदेश देती है। तो देर किस बात की? अपने परिवार के साथ आज ही सिनेमाघर जाएं और इस ‘जॉली’ राइड का मजा लें!