पुलवामा आतंकवादी हमले की जांच में शामिल होने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के विशेषज्ञों और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के जांचकर्ताओं की टीम जम्मू-कश्मीर शुक्रवार को रवाना हो गई। हमले में सीआरपीएफ के कम-से-कम 44 जवान शहीद हो गये।

वर्ष 2016 में उरी हमले के बाद राज्य में हुए सबसे भयावह आतंकवादी हमले में काफी संख्या में जवानों के शहीद होने के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है।

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जम्मू-कश्मीर के पुलवामा ने आतंकवादियों ने गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले पर विस्फोटकों से भरी कार आत्मघाती हमला कर दिया। हमले में सीआरपीएफ की एक बस के परखच्चे उड़ गये और तीन अन्य बस धमाके की चपेट में आ गईं।

बम धमाके के बाद आतंकवादियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर गोलीबारी भी की जिसमें 40 से ज्यादा जवान घायल हो गये। घायल जवानों में कई की हालत अभी नाजुक है।

बृहस्पतिवार को गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अपराध स्थल के फोरेंसिक मूल्यांकन के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस की मदद के लिए एनआईए की एक टीम फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ भेजी जा रही हैं।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि हमले की जांच में ब्लैक कैट कमांडो बल एनएसजी के विस्फोटक विशेषज्ञ भी शामिल होंगे।

जैश-ए-मोहम्मद ने ली है पुलवामा हमले की जिम्मेदारी

पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा हमले के कुछ ही देर बाद एक वीडियो जारी करके इस जघन्य हमले की जिम्मेदारी ली।

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जैश-ए-मोहम्मद ने दावा किया कि इस हमले को आदिल अहमद डार नामक फिदायीन आतंकी ने अंजाम दिया। आदिल अहमद डार साल 2018 में ही जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी पुलवामा हमले के लिए जैश-ए-मोहम्मद को जिम्मेदार बताया।

पुलवामा हमले के बाद सीसीएस की बैठक

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की शुक्रवार सुबह बैठक हुई। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने मीडिया को बताया कि भारत सरकार पाकिस्तान को दिया गया मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने का फैसला किया है।

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सीसीएस की बैठक के बाद एक वंदे मातरम ट्रेन के कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पुलवामा हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी। पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय सेना को जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी आजादी दे दी गयी है।

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