मेलबर्न में टीम इंडिया की हार : मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में हाल ही में हुए भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट मैच ने क्रिकेट प्रेमियों को हैरान कर दिया। 184 रनों से हार झेलने वाली टीम इंडिया के प्रदर्शन में कई कमजोरियां सामने आईं। क्या ये हार सिर्फ खिलाड़ियों की खराब फॉर्म का नतीजा थी, या रणनीति में गहरी खामियां थीं? आइए, जानते हैं उन 5 बड़े कारणों के बारे में, जिन्होंने टीम इंडिया की लुटिया डुबो दी।
1. रोहित शर्मा की कप्तानी पर सवाल
रोहित शर्मा की कप्तानी इस मैच में अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरी।
- गलत फील्ड प्लेसमेंट: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरी पारी में 91 रन पर 6 विकेट गिरने के बावजूद टीम इंडिया मैच में पकड़ नहीं बना सकी।
- रक्षात्मक रणनीति: आक्रामक फैसले लेने के बजाय रोहित ने रक्षात्मक फील्डिंग चुनी, जिससे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को संभलने का मौका मिला।
2. बल्लेबाजी क्रम में अजीबोगरीब बदलाव
टीम मैनेजमेंट ने बल्लेबाजी क्रम में बदलाव किया, जो महंगा साबित हुआ।
- शुभमन गिल को बाहर करना: गिल जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी को बाहर बिठाकर केएल राहुल को तीसरे स्थान पर भेजा गया।
- केएल राहुल का फ्लॉप शो: राहुल, जो ओपनिंग में सफल रहते हैं, इस मैच में तीसरे क्रम पर सिर्फ 24 रन ही बना पाए।
3. सीनियर बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन
रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दिग्गज खिलाड़ियों का फ्लॉप शो टीम के लिए घातक साबित हुआ।
- रोहित शर्मा: दोनों पारियों में कुल मिलाकर केवल 12 रन।
- विराट कोहली: पहली पारी में 36 और दूसरी पारी में केवल 5 रन।
ये आंकड़े टीम की हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं।
4. गलत टीम चयन
टीम में दो स्पिनरों—रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर—को खिलाने का फैसला सवाल खड़े करता है।
- सुंदर का उपयोग: वाशिंगटन सुंदर से दूसरी पारी में केवल 4 ओवर गेंदबाजी करवाई गई।
- तेज गेंदबाज की कमी: एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज का चयन भारतीय टीम के लिए फायदेमंद हो सकता था।
5. ऋषभ पंत की गैर-जिम्मेदाराना शॉट चयन
पांचवें दिन, जब टीम को समय गुजारने की जरूरत थी, ऋषभ पंत ने 93 गेंदों में 28 रन बनाकर गैर-जिम्मेदाराना शॉट खेला और अपना विकेट गंवा दिया।
- ड्रॉ की उम्मीद खत्म: उनके आउट होते ही मैच हाथ से निकल गया।
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सीखने की जरूरत
इन गलतियों से टीम इंडिया को सीखने की आवश्यकता है।
- रणनीति में सुधार: टीम को विपक्षी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति तैयार करनी होगी।
- फील्ड प्लेसमेंट और टीम चयन: इन दोनों पहलुओं में सुधार किया जा सकता है।